स्कूल के वो दिन ।

. हम चल दिए….

कानों में घंटी की आवाज़ फिर गूँज उठेगी ,

टीचर की प्यार भरी डांट जैसे कानों को छू कर निकलेगी .

हँसीं के ठहाके , फिर थोड़ी सी शरारत ,

दोस्त की प्यार भरी मुस्कान , फिर थोड़ी सी नज़ाकत .

संजोयी हैं यादें यहाँ कितनी सारी ,

जाने ज़िन्दगी कब उड़ चली .

स्कूल की हर याद जैसे दिल के भीतर बस जायगी ,

याद आएंगे ये पल , याद आएगी ये दुनिया .

आँखों के समक्ष हर पल की धुंधली तस्वीर लौट आएगी ,

कानों में जैसे हर लफ्ज़ की झंकार सुनाई पड़ जायगी .

मैडम के प्यार , आशीर्वाद के लिए लम्हे तरस जायेंगे ,

दोस्तों की एक झलक के लिए , आँखें नम हो जायंगी .

प्यार की मज़बूत डोर बंध जायगी ,

यादों की डोलियाँ जो हमारे संग जाएँगी ,

जब स्कूल के जीवन की गतिविधि पूरी होगी….

चल पड़ेंगे हम अपनी नयी दुनिया बसाने ,

ख़्वाबों के नए दीप जलाने .

सपनों की नयी आस जगेगी ,

यादों की वही डोली सजेगी .

थिरक जायेंगे कदम नयी धुन पर ,

ठहर जाएगी हवा नयी सरगम पर .

खिलेंगे नए फूल इस गुलशन में ,

नयी कलियों की महक आँगन में बहेगी ,

जब स्कूल के जीवन की गतिविधि पूरी होगी….

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