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Showing posts from January, 2020

स्कूल के वो दिन ।

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. हम चल दिए…. कानों में घंटी की आवाज़ फिर गूँज उठेगी , टीचर की प्यार भरी डांट जैसे कानों को छू कर निकलेगी . हँसीं के ठहाके , फिर थोड़ी सी शरारत , दोस्त की प्यार भरी मुस्कान , फिर थोड़ी सी नज़ाकत . संजोयी हैं यादें यहाँ कितनी सारी , जाने ज़िन्दगी कब उड़ चली . स्कूल की हर याद जैसे दिल के भीतर बस जायगी , याद आएंगे ये पल , याद आएगी ये दुनिया . आँखों के समक्ष हर पल की धुंधली तस्वीर लौट आएगी , कानों में जैसे हर लफ्ज़ की झंकार सुनाई पड़ जायगी . मैडम के प्यार , आशीर्वाद के लिए लम्हे तरस जायेंगे , दोस्तों की एक झलक के लिए , आँखें नम हो जायंगी . प्यार की मज़बूत डोर बंध जायगी , यादों की डोलियाँ जो हमारे संग जाएँगी , जब स्कूल के जीवन की गतिविधि पूरी होगी…. चल पड़ेंगे हम अपनी नयी दुनिया बसाने , ख़्वाबों के नए दीप जलाने . सपनों की नयी आस जगेगी , यादों की वही डोली सजेगी . थिरक जायेंगे कदम नयी धुन पर , ठहर जाएगी हवा नयी सरगम पर . खिलेंगे नए फूल इस गुलशन में , नयी कलियों की महक आँगन में बहेगी , जब स्कूल के जीवन की गतिविधि पूरी होगी….

👦📖🎒 students lifestyle

विद्‌यार्थी जीवन साधना और तपस्या का जीवन है । यह काल एकाग्रचित्त होकर अध्ययन और ज्ञान-चिंतन का है । यह काल सांसारिक भटकाव से स्वयं को दूर रखने का काल है । विद्‌यार्थियों के लिए यह जीवन अपने भावी जीवन को ठोस नींव प्रदान करने का सुनहरा अवसर है । यह चरित्र-निर्माण का समय है । यह अपने ज्ञान को सुदृढ़ करने का एक महत्त्वपूर्ण समय है । विद्‌यार्थी जीवन पाँच वष की आयु से आरंभ हो जाता है । इस समय जिज्ञासाएँ पनपने लगती हैं । ज्ञान-पिपासा तीव्र हो उठती है । बच्चा विद्‌यालय में प्रवेश लेकर ज्ञानार्जन के लिए उद्‌यत हो जाता है । उसे घर की दुनिया से बड़ा आकाश दिखाई देने लगता है । नए शिक्षक नए सहपाठी और नया वातावरण मिलता है । वह समझने लगता है कि समाज क्या है और उसे समाज में किस तरह रहना चाहिए । उसके ज्ञान का फलक विस्तृत होता है । पाठ्‌य-पुस्तकों से उसे लगाव हो जाता है । वह ज्ञान रस का स्वाद लेने लगता है जो आजीवन उसका पोषण करता रहता है । विद्‌या अर्जन की चाह रखने वाला विद्‌यार्थी जब विनम्रता को धारण करता है तब उसकी राहें आसान हो जाती हैं । विनम्र होकर श्रद्धा भाव से वह गुरु के पास जाता है तो गुरु उ

परीक्षा की तैयारी कैसे करे।

परीक्षा की तैयारी कैसे करे। एग्‍जाम कोई भी हो, रिवीजन और प्रॉब्‍लम सॉल्विंग के अलावा और भी कई बातों का ध्‍यान रखना जरूरी है. इसलिए हम आपको बता रहे हैं ऐसे टिप्‍स, जिनका ध्‍यान रखेंगे तो एक भी नंबर नहीं कटेगा. छोटे अंतराल पर ब्रेक लो लगतार पढ़ेंगे तो कुछ याद नहीं रहेगा. इसलिए ब्रेक लेना आवश्‍यक है. हर घंटे 10 मिनट का ब्रेक लीजिए. फिर पढ़ने बैठिए. Board Exam है नजदीक, ऐसे करें अपना टाइम मैनेज शुरुआत कठिन विषय से करें जब भी पढ़ाई की शुरुआत करें तो कठिन विषय से करें. जब दिमाग फ्रेश होता है तो आप भी जो भी पढ़ते हैं वो याद रहता है. सिलेबस का रखें ध्‍यान एक ही टॉपिक को ना पढ़ते जाएं. अब जितने दिन बचे और जितना आपका सिलेबस है, उसके हिसाब से एक टाइमटेबल तैयार करने पढ़ाई करें. Board Exams: नहीं लगता पढ़ने में मन, तो कुछ ऐसा करें बैलेंस डाइट लें एग्‍जाम से बिल्‍कुल पहले बाहर का खाने-पीने से बचें. घर का बना फ्रेश खाना, फल लें. ऐसा भोजन खाएं कि एनर्जी बनी रहे. खूब पानी पाएं. नोट्स बनाएं सभी महत्‍वपूर्ण प्‍वाइंट्स के नोट्स बना लें. ये लास्‍ट टाइम रिवीजन में काफी काम आ